आसान शब्दों में कंप्यूटर फंडामेंटल सीखे :-

Avinash Sir




कंप्यूटर क्या है,कंप्यूटर की परिभाषा क्या है और कंप्यूटर किसे कहते है, ये प्रश्‍न अक्‍सर पूछे जाते हैं
आइये इसे हम देखते हैं :-


कंप्यूटर क्या है हिंदी में :-

सबसे पहले कंप्यूटर का परिचय जान लेते हैं कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के "Compute" शब्द से बना है, जिसका अर्थ है "गणना", करना होता है इसीलिए इसे गणक या संगणक या अभिकलक यंत्र भी कहा जाता है और इसका अविष्‍कार Calculation करने के लिये हुआ था सीधी भाषा मेंं कंप्‍यूटर Calculation करने वाली मशीन थी, जैसे आपका कैलकुलेटर-

कंप्यूटर का परिचय (Introduction Of Computers in Hindi) 

कंप्‍यूटर क्‍या है - What is Computer

कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के "Compute" शब्द से बना है, जिसका अर्थ है "गणना", करना होता है इसीलिए इसे गणक या संगणक भी कहा जाता है, इसका अविष्‍कार Calculation करने के लिये हुआ था, पुराने समय में Computer का use केवल Calculation करने के लिये किया जाता था किन्‍तु आजकल इसका use डाक्‍यूमेन्‍ट बनाने, E-mail, listening and viewing audio and video, play games, database preparation के साथ-साथ और कई कामों में किया जा रहा है, जैसे बैकों में, शैक्षणिक संस्‍थानों में, कार्यालयों में, घरों में, दुकानों में, Computer का उपयोग बहुतायत रूप से किया जा रहा है

Computer केवल वह काम करता है जो हम उसे करने का कहते हैं यानी केवल वह उन Command को फॉलो करता है जो पहले से computer के अन्‍दर डाले गये होते हैं, उसके अन्‍दर सोचने समझने की क्षमता नहीं होती है, computer को जो व्‍यक्ति चलाता है उसे यूजर कहते हैं, और जो व्‍यक्ति Computer के लिये Program बनाता है उसे Programmer कहा जाता है।

कंप्‍यूटर को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिये सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों की आवश्‍यकता होती है। अगर सीधी भाषा में कहा जाये तो यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। बिना सॉफ्टवेयर हार्डवेयर बेकार है और बिना सॉफ्टवेयर हार्डवेयर बेकार है। मतलब कंप्‍यूटर सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर कमांड दी जाती है किसी हार्डवेयर को कैसे कार्य करना है उसकी जानकारी सॉफ्टवेयर के अन्दर पहले से ही डाली गयी होती है। कंप्यूटर के सीपीयू से कई प्रकार के हार्डवेयर जुडे रहते हैं, इन सब के बीच तालमेल बनाकर कंप्यूटर को ठीक प्रकार से चलाने का काम करता है सिस्टम सॉफ्टवेयर यानि ऑपरेटिंग सिस्टम !

कम्प्यूटर का जनक कौन है 

कम्प्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कहा जाता है,  चार्ल्स बैबेज जन्म लंदन में हुआ था वहां की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है तो अंग्रेजी से ही कोई शब्द क्यों नहीं लिया गया इसकी वजह यह है कि जो अंग्रेजी भाषा है उसके  तकनीकी शब्द खासतौर पर प्राचीन ग्रीक भाषा और लैटिन भाषा पर आधारित है इसलिए कंप्यूटर शब्द के लिए यानी एक ऐसी मशीन के लिए जो गणना करती है उसके लिए लैटिन भाषा के शब्द कंप्यूट (Comput)  को लिया गया 

कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जिसका प्रयोग आमतौर पर तकनीकी और शैक्षणिक अनुसंधान के लिए किया जाता है


कंप्यूटर के भागों का नाम – Computer parts Name in Hindi 

  • प्रोसेसर – Micro Processor.
  • मदर बोर्ड – Mother Board.
  • मेमोरी – Memory.
  • हार्ड डिस्क – Hard Disk Drive.
  • मॉडेम – Modem.
  • साउंड कार्ड – Sound Card.
  • मॉनिटर – Monitor.
  • की-बोर्ड माउस – Keyboard/Mouse.
Computer मूलत दो भागों में बॅटा होता है-
   1. सॉफ्टवेयर 
   2. हार्डवेयर


मानव के लिए गणना करना शुरु से ही कठिन रहा है मनुष्य बिना किसी मशीन के एक सीमित स्तर तक ही गणना या केलकुलेशन कर सकता है ज्यादा बडी कैलकुलेशन करने के लिए मनुष्य को मशीन पर ही निर्भर रहना पड़ता है इसी जरुरत को पूरा करने के लिए मनुष्य ने कंप्यूटर का निर्माण किया, यानी गणना करने के लिए। 

अबेकस - 3000 वर्ष पूर्व 

अबेकस का निर्माण लगभग 3000 वर्ष पूर्व चीन के वैज्ञानिकोँ ने किया था। एक आयताकार फ्रेम में लोहे की छड़ोँ में लकडी की गोलियाँ लगी रहती थी जिनको ऊपर नीचे करके गणना या केलकुलेशन की जाती थी। यानी यह बिना बिजली के चलने वाला पहला कंप्यूटर था वास्तव मेँ यह काम करने के लिए आपके हाथो पर ही निर्भर था।

एंटीकाईथेरा तंत्र  - 2000 वर्ष पूर्व 

Antikythera असल में एक खगोलीय कैलकुलेटर था जिसका प्रयोग प्राचीन यूनान में सौर और चंद्र ग्रहणों को ट्रैक करने के लिए किया जाता था, एंटीकाईथेरा यंञ लगभग 2000 साल पुराना है, वैज्ञानिको को यह यंञ 1901 में एंटीकाइथेरा द्वीप पर पूरी तरह से नष्‍ट हो चुके जहाज से जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था में प्राप्‍त हुआ था, इसी कारण इसका नाम एंटीकाईथेरा सिस्‍टम पडा तभी से वैज्ञानिक इसे डिकोड करने में लगे थे और लंबे अध्ययन के बाद अब इस कंप्यूटर को डिकोड कर लिया गया है। यह मशीन ग्रहों के साथ ही आकाश में सूर्य और चांद की स्थिति दिखाने का काम करती है। एंटीकाईथेरा ने आधुनिक युग का पहला ज्ञात एनलोग कंप्यूटर होने का श्रेय प्राप्त कर लिया, यूनानी ने एंटीकाईथेरा सिस्टम को खगोलीय और गणितीय आकड़ो का सही अनुमान लगाने के लिए विकसित किया गया था

पास्‍कलाइन (Pascaline) - सन् 1642

अबेकस के बाद निर्माण हुआ पास्‍कलाइन का। इसे गणित के विशेषज्ञ ब्लेज पास्कल ने सन् 1642 में बनाया यह अबेकस से अधिक गति से गणना करता था। ये पहला मैकेनिकल कैलकुलेटर था। इसे मशीन को एंडिंग मशीन (Adding Machine) कहा जाता था, Blase Pascal की इस Adding Machine को Pascaline भी कहते हैं 


डिफरेंज इंजन (Difference Engine) - सन् 1822

डिफरेंस इंजन सर चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया एेसा यंत्र था जो सटीक तरीके से गणनायें कर सकता था,  इसका आविष्कार सन 1822 में किया गया था, इसमें प्रोग्राम स्टोरेज के लिए के पंच कार्ड का इस्‍तेमाल किया जाता था। यह भाप से चलता था, इसके आधार ही आज के कंप्यूटर बनाये जा रहे हैं इसलिए चार्ल्स बैवेज को कंप्यूटर का जनक कहते हैँ।

जुसे जेड - 3 - सन् 1941 

महान वैज्ञानिक "कोनार्ड जुसे" नें "Zuse-Z3" नमक एक अदभुत यंत्र का आविष्कार किया जो कि द्वि-आधारी अंकगणित की गणनाओ (Binary Arithmetic) को एवं चल बिन्दु अंकगणित गणनाओ (Floating point Arithmetic) पर आधारित सर्वप्रथम Electronic Computer था।

अनिएक - सन् 1946 

अमेरिका की एक Military Research room ने "ENIAC" मशीन जिसका अर्थ  (Electronic Numerical Integrator And Computer)  का निर्माण किया। "ENIAC"  दशमलव अंकगणितीय प्रणाली (Decimal Arithmetic system ) पर कार्य करता था, बाद मेें  "ENIAC"  सर्वप्रथम कंप्यूटर के रूप में प्रसिद्ध हुई जो कि आगे चलकर आधुनिक कंप्यूटर के रूप में विकसित हुई 

मैनचेस्टर स्‍माल स्‍केल मशीन (SSEM) - सन् 1948

(SSEM) पहला ऐसा कंंम्‍यूटर था जो किसी भी प्राेग्राम को वैक्यूम ट्यूब (Vacume Tube) में सुरक्षित रख सकता था, इसका निक नेम Baby रखा गया था, इसे बनाया था फ्रेडरिक विलियम्स और टॉम किलबर्न ने

कंप्यूटर अपनी विशेषताओं के कारण मानव जीवन का अभिन्‍न अंग बन गया है हर कोई व्‍यक्ति अपने हिसाब से कंप्‍यूटर को प्रयोग में लाता है, कंप्यूटर में अनेकों विशेषता होती है आईये जानते हैं कंप्यूटर की विशेषता -Features of Computers in Hindi 

कंप्यूटर की विशेषता - Features of Computers in Hindi

कंप्यूटर की पहली विशेषता गति (Speed) - 

जहां एक आपको एक छोटी सी Calculation करने में समय लगता है वहीं Computer बडी से बडी Calculation सेेकेण्‍ड से भी कम समय में कर लेता है, यह गति उसे प्रोससर से प्रदान होती है कंप्‍यूटर की गति को हर्ट्ज में मापा जाता है, कंप्यूटर के कार्य करने की तीव्रता प्रति सेकंड्स, प्रति मिलिसेकंड्स, प्रतिमाइक्रो सेकंड्स, प्रति नेनोसेकंड्स ईत्यादी में आंकी जाती है

कंप्यूटर की दूसरी विशेषता सटीकता (Accuracy) -

त्रुटि रहित कार्य करना यानि पूरी सटीकता (Accuracy) के साथ किसी भी काम का पूरा करना कंप्यूटर की दूसरी विशेषता है, कंप्‍यूटर द्वारा कभी कोई गलती नहीं की जाती है, कंप्‍यूटर हमेशा सही परिणाम देता है, क्योंकि कंप्यूटर तो हमारे द्वारा बनाये गए प्रोग्राम द्वारा निर्दिष्ट निर्देश का पालन करके ही किसी कार्य को अंजाम देता है, कंप्यूटर द्वारा दिया गया परिणाम गलत दिया जा रहा है तो उसके प्रोग्राम में कोई गलती हो सकती है जो मानव द्वारा तैयार किये जाते हैं

कंप्यूटर की तीसरी विशेषता स्वचलित (Automation) - 

कंप्‍यूटर को एक बाद निर्देश देने पर जब तक कि कार्य पूरा नहीं हो जाता है वह स्वचलित (Automation) रूप से बिना रूके कार्य करता रहता है उदाहरण के लिये जब Computer से Printer को 100 पेज प्रिंट करने की कंमाड दें तो पूरे 100 पेज प्रिंट करने बाद ही रूकेगा, इन सभी कार्यो को करने के लिये कंप्‍यूटर को निर्देश मिलते हैं वह उन्‍हीं के आधार पर उनको पूरा करता है यह निर्देश कंप्‍यूटर को प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर के द्वारा मिलते हैं हर काम काे करने के लिये अगल प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर होता है

कंप्यूटर की चौथी विशेषता स्थायी भंडारण क्षमता (permanent Storage) :

कम्प्यूटर में प्रयुक्त मेमोरी को डाटा, सूचना और निर्देशों के स्थायी भंडारण के लिए प्रयोग किया जाता है। चूंकि कम्प्यूटर में सूचनाएं इलेक्ट्राॅनिक तरीके से संग्रहित की जाती है, अतः सूचना के समाप्त होने की संभावना कम रहती है।

कंप्यूटर की पांंचवीं विशेषता विशाल भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity) : 

कम्प्यूटर के बाह्य (external) तथा आंतरिक (internal) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप,सीडी राॅम) में असीमित डाटा और सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है । कम्प्यूटर में कम स्थान घेरती सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है। अतः इसकी भंडारण क्षमता विशाल और असीमित है।

कंप्यूटर की छटवीं  विशेषता भंडारित सूचना को तीव्रगति से प्राप्त करना (Fast Retrieval):

 कम्प्यूटर प्रयोग द्वारा कुछ ही सेकेण्ड में भंडारित सूचना में से आवश्यक सूचना को प्राप्त किया जा सकता है। रेम (RAM- Random Access Memory) के प्रयोग से वह काम और भी सरल हो गया है।

कंप्यूटर की सातवीं  विशेषता जल्द निर्णय लेने की क्षमता (Quick Decision) : 

कम्प्यूटर परिस्थितियों का विश्लेषण पूर्व में दिए गए निर्देशों के आधार पर तीव्र निर्णय की क्षमता से करता है।

कंप्यूटर की आठंवी विशेषता विविधता (Versatility) : 

कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में अलग-अलग तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।

कंप्यूटर की नवीं विशेषता पुनरावृति (Repetition) : 

कम्प्यूटर आदेश देकर एक ही तरह के कार्य बार-बार विश्वसनीयता और तीव्रता से कराये जा सकते हैं।

कंप्यूटर की दसवीं  विशेषता स्फूर्ति (Agility) : 

कम्प्यूटर को एक मशीन होने के कारण मानवीय दोषों से रहित है। इसे थकान तथा बोरियत महसूस नहीं होती है और हर बार समान क्षमता से कार्य करता है।

कंप्यूटर की ग्‍यारहवीं विशेषता गोपनीयता (Secrecy) :

पासवर्ड के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड के प्रयोग से कम्प्यूटर में रखे डाटा और कार्यक्रमों को केवल पासवर्ड जानने वाला व्यक्ति ही देख या बदल सकता है।

कंप्यूटर की बारहवीं विशेषता कार्य की एकरूपता (Uniformity of work) : 

बार-बार तथा लगातार एक ही कार्य करने के बावजूद कम्प्यूटर के कार्य की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

कंप्यूटर  विशेषताए तो आप जान ही चुके हैं, कंप्‍यूटर आपके बहुत सारे कामों को करता है लेकिन कंप्यूटर की कुछ सीमाएं भी होती हैं जिसने बाहर कंप्‍यूटर कार्य नहीं कर सकता है आईये जानते हैैं कंप्यूटर की सीमाएं क्या है - कंप्यूटर की सीमाएं - Limitations of Computer in Hindi


कंप्यूटर की सीमाएं - Limitations of Computer in Hindi

  • बुद्धिमता की कमी (Lack of Intelligence) - कम्प्यूटर एक मशीन है । उसमें मनुष्‍‍‍य के समान बुद्धिमता (Intelligence) नहीं है यह केवल यूजर द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करता हैं, किसी भी स्थिति में कंप्‍यूटर न तो दिये गये निर्देशों से कम काम करता है
  • सामान्य बोध की कमी (Lack of Common Scene) - यह भी जानना जरूरी है कि कंप्‍यूटर कभी कोई गलती नहीं करता है, लेकिन अगर यूजर उससे गलत काम लेता है तो उसे इसका सामान्य बोध यानि Common Scene नहीं हाेता है अगर आपने कंप्‍यूटर को बताया नहीं है "सीमा एक लडकी है" तो वह उसे by default लडका ही मानेगा, उसे नाम में फर्क करना नहीं आता है, Computer एक बुद्धिमान मशीन नहीं है यह सही या गलत कि पहचान नहीं कर पाती है|
  • विद्युत पर निर्भरता (Dependence on electricity) - कंप्‍यूटर को काम करने के लिये विद्युत ( electricity) की आवश्‍यकता होती है बिना विद्युत ( electricity) केे कंप्‍यूटर एक धातु के डब्‍बे से ज्‍यादा और कुुछ नहीं है
  • अपग्रेड और अपडेट (Upgrade and Update) - कम्प्यूटर एक ऐसी मशीन है जिसे समय समय पर अपग्रेड और अपडेट (Upgrade and Update) करना होता है यदि ऐसा नहीं किया तो कंप्‍यूटर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाता है 
  • वायरस से खतरा (Virus threat) - कंप्‍यूटर को हमेशा वायरस का खतरा बना रहता है, एक बार वायरस आने पर यह कंप्‍यूटर ऑपरेटिंग सिस्‍टम के साथ उसमें सुरक्षित फाइलों को भी नुकसान पहॅुचा सकता है
कंप्‍यूटर (Computer) को पीढी के अनुसार, कार्य के अनुसार और आकार के अनुसार कई भागों में बांटा गया है लेकिन शुरूआत से अब तक कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture) में कोई बदलाव नहीं आया है, तो आईये जानते हैं कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi)



कंप्‍यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi)

1- इनपुट यूनिट (Input unit)

इनपुट यूनिट (Input unit) कंप्यूटर के वह भाग हार्डवेयर होते हैं जिनके माध्‍यम से कंप्‍यूटर में कोई डाटा एंटर किया जा सकता है इनपुट के लिये अाप की-बोर्ड, माउस इत्‍यादि इनपुट डिवाइस का प्रयोग करते हैं साथ ही कंप्‍यूटर को सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से कंमाड या निर्देश देते हैं  यह i/o devices कहलाती है 

2- सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central processing unit)

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central processing unit) इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है इसके लिये सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट और अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट दोनों मिलकर अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना करते हैैं और डाटा को प्रोसेस करते हैं  CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है

3- मेमोरी  (Memory)

मेमोरी कंप्यूटर का वह भाग है यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को संगृहीत करती है, यह प्राथमिक और द्वितीय दो प्रकार की हाेती है उदाहरण के लिये रैम और हार्ड डिस्‍क 

4- आउटपुट यूनिट (Output unit)

आपके द्वारा दी गयी कंमाड के अाधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्‍यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस या आउटपुट यूनिट द्वारा प्राप्‍त हो जाता है आउट डिवाइस का सबसे बेहतर उदाहरण आपका कंप्‍यूटर मॉनिटर है यह i/o devices कहलाती है 

कंप्यूटर की हार्डवेयर संरचना (Computer hardware structure)


कम्प्यूटर के निम्‍न महत्वपूर्ण भाग होते है:-

•    मोनीटर या एल.सी.डी.
•    की-बोर्ड
•    माऊस
•    सी.पी.यू.
•    यू.पी.एस

मोनीटर या एल सी डी :- इसका प्रोयोग कम्प्यूटर के सभी प्रेाग्राम्स का डिस्‍प्ले दिखाता है। यह एक आउटपुट डिवाइस है।


की-बोर्ड :- इसका प्रयोग कम्प्यूटर मे टाइपिंग लिए किया जाता है, यह एक इनपुट डिवाइस है हम केवल की-बोर्ड के माध्यम से भी कम्‍प्‍यूटर को आपरेट कर सकते है।

माऊस :- माऊस कम्प्यूटर के प्रयोग को सरल बनाता है यह एक तरीके से रिमोट डिवाइस होती है और साथ ही इनपुट डिवाइस होती है।

सी. पी. यू.(सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट):- यह कम्प्यूटर का महत्वपूर्ण भाग होता है हमारा सारा डाटा सेव रहता है कम्प्यूटर के सभी भाग सी. पी. यू. से जुडे रहते है।

यू.पी.एस.(अनिट्रप पावर सप्लाई ):- यह हार्डवेअर या मशीन कम्प्यूटर बिजली जाने पर सीधे बन्द होने से रोकती है जिससे हमारा सारा डाटा सुरक्षित रहता है।

यह सारे हार्डवेयर दो भागों में बॅटे रहता है- 

   1. आउटपुट डिवाइस
   2. इनपुट डिवाइस


आउटपुट डिवाइस:- आपके द्वारा दी गयी कंमाड के आधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्‍यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस या आउटपुट यूनिट द्वारा प्राप्‍त हो जाता है आउट डिवाइस हार्डवेयर होता है आउटपुट डिवाइस सबसे बेहतर उदाहरण आपका कंप्‍यूटर मॉनिटर है यह i/o devices कहलाती है - 

आउटपुट डिवाइस (Output Device)

  • मोनीटर 
  • स्पीकर
  • प्रिन्टर
  • प्रोजेक्टर
  • हेडफोन
  • प्रिंटर  -  

इनपुट डिवाइस इनपुट डिवाइस इस होती हैं जिनसे कंप्यूटर में डेटा और कमांड स्‍टोर या एंटर कराया जा सकता है इनपुट डिवाइस में मेमोरी में स्टोर किए गए डेटा और निर्देशों को बायनरी में कन्वर्ट कर देती है आईये जानते है  इनपुट डिवाइस (Input Device) के बारे में  

इनपुट डिवाइस (Input Device)

आपका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले इनपुट डिवाइस कीबोर्ड है जिसकी मदद से आप कंप्यूटर पर बड़े आसानी से टाइप कर पाते हैं इनपुट डिवाइस का काफी विकास हो चुका है जिनमें डाटा को टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती है इस प्रकार की कुछ डिवाइसेस आपका माउस है लाइट पेन है ग्राफिक टैबलेट है जॉय स्टिक है ट्रैकबॉल है और टच स्क्रीन है यह सभी डिवाइस इस यूजर को मॉनिटर स्क्रीन पर आवश्यक चीजों को सिर्फ पाइंट करके सेलेक्ट करने की स्वतंत्रता प्रदान करती हैं इसलिए इन इनपुट डिवाइस को Pointing device भी कहा जाता है आजकल तो इनपुट डिवाइस का काफी उच्च स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है यहां तक कि आपको टाइप करने की आवश्यकता नहीं है केवल बोलने से वोइस इनपुट रिकग्रिशन टेक्नोलॉजी की सहायता से टाइप कर सकते हैं यह वह हार्डवेअर डिवाइस होती है जिसे हमें कम्प्यूटर से कोई भी डाटा या कमाण्‍ड इनपुट करा सकते हैं।
    
  • की-बोर्ड
  • स्केनर
  • डी.वी.डी.ड्रार्इव
  • पेनड्रार्इव
  • कार्डरीडर 
  • माइक्रोफोन
  • माउस 

कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) कंप्यूटर की संरचना के अनुसार कंप्यूटर का वह भाग है यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को स्‍टोर करती है, मेमोरी (Memory) कम्प्यूटर का बुनियादी घटक है आईये जानते हैं कंप्यूटर मेमोरी क्या है - What is Computer Memory in Hindi

कंप्यूटर मेमोरी क्या है - What is Computer Memory in Hindi

वैसे तो CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहा जाता है, लेकिन जहां मनुष्‍य का मस्तिष्‍क बहुत सारे काम करने के साथ-साथ हमारी यादों को भी सुरक्षित रखने का काम करता है वहीं सीपीयू (CPU) केवल अंकगणितीय गणना (Arithmetic Calculation) और तार्किक गणना कर इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है, प्रोसेस डाटा को सुरक्षित नहीं रख सकता है, अब उस प्रोसेस डाटा को कहीं सुरि‍क्षित भी रखना होता है, तो इस कार्य जिम्‍मा कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) के पास होता है, कंप्यूटर मेमोरी को बहुत सारे छोटे भागों में बाँटा गया है, जिन्हें हम सेल कहते हैं। प्रत्येक सेल का यूनिक एड्रेस या पाथ होता है। आप जब भी कोई फाइल कंप्‍यूटर में सुरक्षित या सेव करते हैं तो वह एक सेल में सेव होती है-

कंप्यूटर मेमोरी दो प्रकार की होती है - 

  1. परिवर्तनशील -(Volatile) :- इसे प्राथमिक मेमोरी (PRIMARY MEMORY) के नाम से भी जाना जाता है, इसे मुख्य मेमोरी भी कहते हैं, यह सीधे सीपीयू के सम्‍पर्क में रहती है तथा इसके डेटा और निर्देश का CPU द्वारा तीव्र तथा प्रत्यक्ष उपयोग होता है, इसे परिवर्तनशील (Volatile) मेमोरी इसलिये कहा जाता है क्‍योंकि यह मेमोरी डेटा को परमानेंटली स्‍टोर नहीं कर सकती है उदाहरण! :-  रैम 
  2. अपरिवर्तनशील - (Non-volatile) :- इसे सेकेंडरी मेमोरी के नाम से जाना जाता है इसका प्रयोग को ज्‍यादा मात्रा में डेटा को स्थायी रूप से स्‍टोर करने के किया जाता है इसलिये द्वितीय सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) को स्टोरेज बताया गया है ना कि मेमोरी उदाहरण - हार्डडिस्‍क 

कंप्‍यूटर मेमोरी की इकाई या यूनिट - Computer Memory Units in Hindi 

जिस प्रकार समय मापने के लिये सैकेण्‍ड, आवाज को नापने के लिये डेसीबल, दूरी को नापने के लिये मि0मि और वजन को नापने के लिये ग्राम जैसे मात्रक हैं, इसी प्रकार कम्‍प्‍यूटर की दुनिया में स्‍टोरेज क्षमता का नापने के लिये भी मात्रकों का निर्धारण किया गया है, इसे कंप्‍यूटर मेमोरी की इकाई या यूनिट कहते हैं -

कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) की सबसे छोटी इकाई होती है बिट (bit) एक बिट BAINARY NUMBER अर्थात 0 और 1 में से केवल एक युग्म मूल्य (binary value) होता है और जब चार बिट को मिला दिया जाता है तो उसे निब्‍बल (Nibble) कहते हैं यानी 1 निब्‍बल = 4 बिट बाइट (Byte) 8‍ बिट के एक समूह को बाइट कहते हैं।

सामान्‍यत एक जब आप एक अंक या अक्षर अपने कम्‍प्‍यूटर में टाइप करते हैं तो उसको एक बाइट से व्‍यक्‍त किया जाता है या सीधे शब्‍दों में कहें तो वह एक बाइट के बराबर जगह घेरता है। यानी 1 बाइट = 8 बिट = 2 निब्‍बल इस प्रकार लगभग 11099511627776 बाटइ के समूह को टैराबाइट कहा जाता है और एक टैराबाईट में लगभग 20 लाख MP3 को स्‍टोर किया जा सकता है।
  • 1 बिट (bit) = 0, 1 
  • 4 बिट (bit) =  1 निब्‍बल 
  • 8‍ बिट = 1 बाइट्स (Byte)
  • 1000 बाइट्स (Byte) = एक किलोबाइट (KB)
  • 1024 किलोबाइट (KB) = एक मेगाबाइट (MB)
  • 1024 मेगाबाइट (MB) = एक गीगाबाइट (GB)
  • 1024 गीगाबाइट (GB) = एक टेराबाइट (TB)
  • 1024 टेराबाइट (TB) = एक पेंटाइट (PB)
  • 1024 पेडाबाइट (PB) = एक एक्साबाइट (EB)
  • 1024 एक्साबाइट (EB) = एक ज़ेटबाइट (ZB)
  • 1024 ज़ेटाबाइट (ZB) = एक ज़ेटबाइट (YB) 

कंप्यूटर एक बहुत पावरफुल मशीन है आज हर क्षेञ में कंप्यूटर का अनुप्रयोग किया जा रहा है, एग्‍जाम में भी कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Application of computer) के बारे में प्रश्‍न पूछे जाते हैं तो आईये जानते हैं कम्प्यूटर के अनुप्रयोग - Application of computer


कम्प्यूटर के अनुप्रयोग - Application of computer in Hindi

  • डाटा प्रोसेसिंग (Data processing) - बडें और विशाल पैमाने पर डाटा प्रोसेसिंग (Data processing) करने के लिये और सूचना तैयार करने के लिये कंप्‍यूटर का प्रयोग किया जाता है इससे डाटा इकठ्ठा करना उसका विश्‍लेशण करना और सूचना प्राप्‍त करना बहुत आसान हो जाता है 
  • शिक्षा (Education) - कंप्‍यूटर में आधुनिक शिक्षा की तस्‍वीर ही बदल दी है, आज इन्टरनेट के मध्यम से हम किसी भी विषय की जानकारी कुछ ही क्षणों में प्राप्त कर सकते हैं, स्‍कूल और कॉलेजों को भी इंंटरनेट से जोड दिया गया है तथा कई जगहों पर स्‍मार्ट क्‍लास पर जोर दिया जा रहा है जो कंप्‍यूटर की वजह से ही संभव है 
  • बैंक (Bank)- बैंकिंग क्षेत्र में तो कम्प्यूटर के उपयोग ने क्रांति ही ला दी है, पुराने जमाने के बही खाते और रजिस्‍टर की जगह कंप्‍यूटर ने ले ली है बैंकों के अधिकांश कार्य कंप्‍यूटर के माध्‍यम से ही हो रहे हैं जैसे पैसे निकालना और जमा करना, यहां तक कि रूपया गिनने के ि‍लिये भी कंंम्‍यूटरीक्रत मशीने उपलब्‍ध हैं 
  • संचार (Communication)- 4जी इंटरनेट को आज बच्‍चा-बच्‍चा प्रयोग कर रहा है कंप्‍यूटर तकनीक ने ही संचार के क्षेत्र में इन्टरनेट के प्रयोग को अम्भव बनाया है और इन्टरनेट ने संचार क्रांति को जन्म दिया
  • मनोरंजन (Recreation)- मल्टीमिडिया के प्रयोग ने तो कम्प्यूटर को बहुयामी बना दिया है, कम्प्यूटर का प्रायः सिनेमा, टेलीविजन, वीडियो गेम खेलने के लिये भी किया जाता है 
  • प्रशासन (Governance) - हर एक संस्थान में अपना एक आंतरिक प्रशासन होता है और प्रशासनिक कार्य कम्प्यूटर से ही किये जाते हैं, साथ ही साथ सरकारी योजनओं का लाभ भी ई-शासन (E-governance) के रूप में आज जनों के घराेें तक पहुॅच रहा है 
  • सुरक्षा (Security)- आज बिना कम्प्यूटर के हमारी सुरक्षा व्यवस्था बिलकुल कमजोर हो जाएगी | एयरक्राफ्ट ट्रैक करने में, हवाई हमल, सीसीटीवी कैमरे में कम्प्यूटर का उपयोग होता है
  • वाणिज्य (Commerce) - दुकान, बैंक, बीमा, क्रेडिट कंपनी, आदि में कम्प्यूटर का अधिकतम उपयोग होता है | कम्प्यूटर के बिना काम करना वितीय दुनिया के लिए असंभव हो गया है
  • उद्योग (Industry)- बहुत सारे औधोगिक संस्थान; जैसे – स्टील, कैमिकल, तेल कंपनी आदि कम्प्यूटर पर निर्भर हैं | संयंत्र प्रक्रियाओं के वास्तविक नियंत्रण के लिए भी कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं
  • चिकित्सा (Medicine) - चिकित्सा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग विभिन्न शारीरिक रोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है, रोगों का विश्लेषण और निदान भी कम्प्यूटर के द्वारा संभव है, आधुनिक युग में एक्स रे, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड इत्यादि विभिन्न क्षेत्र में कम्प्यूटर का व्‍यापक उपयोग हो रहा है

कार्य पद्धति आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया गया है इसमें 1- एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer), 2- डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer), 3- हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) इन तीनों की अपनी अपनी विशेषतायें हैं तो आइये जानते हैं क्‍या होता है डिजिटल, एनालॉग और हाइब्रिड कंप्यूटर, कार्य पद्धति आधार पर कंप्‍यूटर का वर्गीकरण (Computer classification based on work method)


मैं अविनाश आप सबसे उम्मीद करता हूँ की ये नोट्स अच्छा लगा होगा 
श्री लालदेव मीरा फाउंडेशन द्वारा संचालित 
कुशल युवा केंद्र 
मंगनी चौक, पदुमकेर, पताही, बिहार 

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